गुजरात, यूपी की तर्ज पर जम्मू-कश्मीर में भी भारी निवेश लाने की योजना पर काम हो रहा है. जम्मू-कश्मीर में अप्रैल महीने में पहला वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन आयोजित होने जा रहा है.
इस शिखर सम्मेलन की दिल्ली में पत्रकारों को जानकारी देते हुए राज्य के उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू ने कहा कि इसके तहत सेक्टोरल सेमिनार का आयोजन किया जाएगा और मुख्य कार्यक्रम श्रीनगर में आयोजित होगा. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और राज्य के नए मुख्य सचिव बी.वी.आर सुब्रह्मण्यम भी इस मौके पर मौजूद थे.
सीमित ही हैं इंटरनेट पर प्रतिबंध!
इंटरनेट प्रतिबंधों के बारे में उपराज्यपाल ने कहा कि ये प्रतिबंध विघटनकारी गतिविधियों तक सीमित हैं और व्यावसायिक गतिविधियों के लिए इंटरनेट की सुविधा दी जा रही है. न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक उन्होंने कहा, 'हम इस तरह की स्थिति का सामना कई साल से कर रहे हैं, लेकिन अब अनुकूल कार्रवाई की वजह से आतंकवाद के खतरे को कम किया गया है.'
मुर्मू ने कहा, 'सामान्य जनजीवन बहाल किया गया है. आतंकवादियों के लिए अब हालात असामान्य हैं.' मुख्य सचिव सुब्रह्मण्यम ने कहा कि इंटरनेट की बहाली के लिए कदम उठाए गए हैं. उन्होंने कहा, 'गृह सचिव इस पर कार्य कर रहे हैं. इस पर काम पाइपलाइन में है.'
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को पिछले साल 5 अगस्त को सरकार ने निष्प्रभावी कर दिया था. 2019 लोकसभा चुनाव में सबसे बड़ी जीत हासिल कर मोदी सरकार ने सबसे पहले इस फैसले को लिया. 5 अगस्त को फैसले के बाद घाटी में काफी कुछ बदल गया, जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश बन गया, लद्दाख अलग से केंद्र शासित प्रदेश बन गया.